Saturday, June 29, 2019

दिल की तपिश, क्या करूं

कैसे छुपाऊँ राज़ ए ग़म, दीदार ए तर को क्या करूँ ॥
दिल की तपिश को क्या करूँ, सोज़ ए जिगर को क्या करूँ!

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