Saturday, June 29, 2019

ओस के फूल

रात की सिलवटों पे फैले हुए,
ओस के फूल चुन भी लेता हूँ।

तुम तबस्सुम से बोल देते हो,
मैं निगाहों से सुन भी लेता हूँ।

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