ख़ामोशी गहन दृढ भाव है।
अंतर्मन का शोर है।
स्वयं को तलाशता ।
मानव चहुंओर है।।
ख़ामोशी की स्तब्धता में।
द्वंद है, चपलता है।
सफलता है ,विफलता है।
विजय और पराजय की भावुकता है।।
ख़ामोशी जीवन का अनुभव सार है।
यह शान्त नहीं वाचाल है।
अंतर्द्वंद का वर्णित रूप है।
धूप में छांव, छांव में धूप है।।
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