चलने वाले मुसाफ़िर संभल के चल
जिंदगीे के सुर-ताल में ढल के चल
तू भूल जा बीते लम्हों को
नये लम्हों से मिलके चल
न याद कर,गम की रातों को
सुबह के साथ,खिलके चल
बुराई को दिल से निकाल
भलाई से मिलकर चल
मौसम बदला ,हवायें बदली
खुद को भी बदल के चल
जिंदगी की राह बहुत मुश्किल है
तो मुश्किलों को गले लगाके चल
चलने वाले मुसाफ़िर संभल के चल
जिंदगीे के सुर-ताल में ढल के चल
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