Thursday, October 5, 2023

कुछ ज़ब्त भी कमाल है

कुछ ज़ब्त भी कमाल है ।

कुछ दर्द भी बे'मिसाल है ।।
कुछ जिस्म की है ज़रूरतें ।
कुछ रुह का भी सवाल है ।।
कुछ ख़्वाहिशों की है बेबसी ।
कुछ दिल का भी ख्याल है ।।
कुछ खुद में हम अधूरे से ।
कुछ ज़िंदगी भी सवाल है ।।
कुछ तुझे हैं मुझसे शिकायतें ।
कुछ मुझे भी तुझसे मलाल है ।।
कुछ ज़ब्त भी कमाल है ।
कुछ दर्द भी बे'मिसाल है ।।

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