आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
आईने सा,
ये दिल टूटा हैमेरी क़िस्मत नेमुझको लूटा हैज़िंदगी तुझसेक्या-क्या छूटा हैनींद टूटी हैख़्वाब टूटा हैउसका अंदाज़ हैजुदा सबसेन ख़फ़ा हैन मुझसे रूठा है!
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