मासूमियत की चादर में लिपटा, सपनों का साज,
ख्वाबों की गलियों में बसा, हर पल कुछ नया राज।
चाँदनी रातों में बिखरी, चमकीली चाँदनी की रौशनी,
हवाओं की लहरों में लहराती, जीवन की सुनहरी सी धुनी।
बचपन की धुली रेत की तरह हल्की,
हर ख्वाब में छुपी वो प्यारी सी मुस्कान हूँ।
जीवन के सफर में हर कदम पर संगीन,
पर दिल से मैं हमेशा मसूमियत से भरा हूँ।
सपनों की दुनिया में बसा वो प्यारा सा गीत,
मैं मासूमियत की धुन हर पल गुनगुनाता हूँ।
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