Thursday, October 12, 2023

कभी तेरे बहाने थे

कभी तेरे बहाने थे ,

कभी मेरे बहाने हैं |
कभी तुमको मुहब्बत हो ,
कभी हमको ये चाहत थी!!!

तू मेरा हो ना सकता था
मैं तेरी बन ना सकती थी!!

वफा तब भी मैं करती थी,
वफा अब भी मैं करती हूं!!!

तेरे जब भी बहाने थे,
तेरे अब भी बहाने है!!

चलो अब हो चुका अपना,,

ना तू कल भी मेरा अपना!
ना अब भी है मेरा अपना!!

कभी इस सिम्त की बातें!
कभी उस सिम्त की बातें!!

अब इन बातों में क्या रखा
तेरे अपने फ़साने हैं!!!

कभी तेरे बहाने थे,
कभी मेरे बहाने हैं!!!

कभी हमको ये चाहत थी,
कभी अपनी ये ख्वाहिश थी
कभी तुमको मुहब्बत हो!
कभी तुमको मुहब्बत हो!!!

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