आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
चलते रहेंगें काफिले मेरे बगैर भी यहा, एक सितारा टूट जाये तो फ़लक तन्हा नही होता!
Post a Comment
No comments:
Post a Comment