आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
"सबसे प्यारा सपना लिख दूँ, आज तुझे मैं अपना लिख दूँ !"
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