Monday, April 15, 2019

जीने का हक

हमारा अज़्म-ए-सफ़र कब किधर का हो जाए,
ये वो नहीं जो किसी रहगुज़र का हो जाए!

उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में,
इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए!

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