Sunday, April 28, 2019

हज़ारों गुलाब

वो मुस्कुरा के मोहब्बत से जब भी मिलते हैं,
मेरी नज़र में हज़ारों गुलाब खिलते हैं!

उनके लबों की तबस्सुम देती हैं सुकून मुझको,
मिलते हैं जब वो मिलती हैं खुशियाँ मुझको!

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