ज़ाया ना कर अपने अल्फ़ाज़ हर किसी के लिये,
बस ख़ामोश रह कर देख तुझे समझता कौन है!
>>जो दिल की बात समझ ले फ़क़त निगाहों से,
तमाम शहर में ऐसी कोई नज़र भी है ।
बस ख़ामोश रह कर देख तुझे समझता कौन है!
>>जो दिल की बात समझ ले फ़क़त निगाहों से,
तमाम शहर में ऐसी कोई नज़र भी है ।
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