आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
प्यार की तितलियां देखो कैसे उड़ती है। हर बार ये सिर्फ तुम्हारी तरफ ही मुड़ती है।।
इश्क़ के भँवरें देखो कैसे उड़ते है। हर बार ये सिर्फ तुम्हारी तरफ ही मुड़ती है।।
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