आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है, मिल जाये तो मिट्टी है खो जाये तो सोना है!
अच्छा-सा कोई मौसम तन्हा-सा कोई आलम, हर वक़्त का रोना तो बेकार का रोना है!
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