Friday, September 27, 2019

ज़िंदगी गर रही

सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ

~ख़्वाजा मीर दर्द

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