Wednesday, September 11, 2019

वो अफसाना

वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे  इक  ख़ूब-सूरत  मोड़ दे  कर  छोड़ना  अच्छा
- साहिर लुधियानवी

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