आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए; महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए; करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो; पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए!
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