Tuesday, August 11, 2020

फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे..

अब ना मैं हूँ ना बाक़ी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे..

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