Sunday, August 30, 2020

मत पालना इश्क़ का शौक

मत पालना इश्क़ का शौक
बड़ा दर्द पहुंचाएगा
जिसको जितना चाहोगे
वो और दूर हो जाएगा,

ये इश्क़ का बुखार
तुम्हें सर चढ़कर बुलवाएगा
ख़्वाहिशों को तेरी ये
चूर चूर करवाएगा,

मत सोच इसका परिणाम
बहुत दर्दभरा आएगा
घर के किसी कोने में छुपकर
जब तू रो रोकर चिल्लाएगा,

है यकीं मुझे तू
एक रोज़ पछताएगा
लौटना चाहेगा पर तू
लौट नहीं आ पाएगा,

शुरूआत तो इसका बड़ा
शानदार दिखलाएगा
रातों को नींदों में बस
उसका ही ख़्वाब आएगा,

फिर तेरी आशाओं का बीड़ा
टूट बिखर जाएगा,
हर ग़म के महफ़िल का
तब तू हिस्सा बन जाएगा,

मत देख उसे तू
डूब वहीं पर जाएगा
जो नहीं रहा विश्वास तेरा
तू और कहां जाएगा,

उसके जाने के बाद तो बस
उसकी यादों का पिटारा ही रह जाएगा
बहुत भूलना चाहेगा पर तू
भूल नहीं पाएगा,

वो फ़िरदौस की तलाश में
कहीं और निकल जाएगा
तू और तेरा वजूद उसे बस
देखता रह जाएगा,

हां उस दिन तू इश्क़ पे
तौबा कर जाएगा
अब दूर नहीं वो दिन
बहुत जल्द ही आएगा,

उस दिन मुझको जीवन से
एक सीख मिल जाएगा
दोबारा इश्क़ की राह पर चलना
तेरे लिए मुश्किल हो जाएगा,

तब तेरा साथ बस तकिया
ही दे पाएगा
जिस पर सर रखकर तू अपने
आंसुओं को छुपाएगा

उसकी यादों में खोकर जब तू
ज़िंदा लाश बन जाएगा
बहुत पुकारेगा तू सबको पर
साथ कोई न आएगा,

जिसको जितना चाहोगे वो
और दूर हो जाएगा।

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