आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
किसी ने पूछा, दिल की खूबी क्या है! हमने कहा, हजारो ख्वाहिशों के नीचे दबकर भी धड़कता है।।
Post a Comment
No comments:
Post a Comment