Tuesday, April 11, 2023

पढ़ लेते हैं पढ़ने वाले

पढ़ लेते हैं पढ़ने वाले,

चेहरे को चाहे जितना छिपा ले। 
गम और खुशी पता चल ही जाए, 
ये नहीं छिपने वाले। 
आ जाते हैं चेहरे पर भाव, 
चाहे दिखाओ कैसा भी ताव? 
फिर भी छिपाते हैं जनाब, 
नहीं छिपते चाल ढाल, हाव भाव। 
बंदे! यह वहम मत पालें, 
आराम से जिंदगी बिता लें। 
पढ़ लेते हैं पढ़ने वाले, 
चेहरे को चाहे जितना छिपा लें। 

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