वो जो हमेशा मेरे ख्यालों में रहता है,
आज कल वो बिखरा बिखरा रहता है
उसके दोस्तों को देखता हूं हंसते हुए,
वो उनके साथ भी रहकर चुप रहता है,
मैं उसे हंसाने के लिए खुद हंसता हूं,
फिर भी उसका चेहरा उतरा रहता है,
बात क्या है पूछने पर बताता भी नहीं,
लगता है किसी बात से बिगड़ा रहता है,
मन करता है मनाऊं उसे किसी तरह,
क्या करूं पास होकर भी दूर रहता है,
क्या हो गई ' मुझसे ' से दुश्मनी उसकी,
वो भी महीनों से उजड़ा उजड़ा रहता है
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