Friday, January 3, 2020

ख़ामोश हो क्यूँ दादे -जफ़ा क्यूँ नहीं देते

ख़ामोश हो क्यूँ दादे -जफ़ा क्यूँ नहीं देते 
बिस्मिल हो तो क़ातिल को दुआ क्यूँ नहीं देते 

रहज़न हो तो हाज़िर है मता-ए-दिल-ओ-जाँ भी 
रहबर हो तो मन्ज़िल का पता क्यूँ नहीं देते

~ अहमद फ़राज़

No comments: