Monday, July 30, 2018

होंठ, शराब

छीनकर हाथों से जाम वो इस अंदाज़ से बोली,
कमी क्या है इन होठों में जो तुम शराब पीते हो।

Sunday, July 29, 2018

लाईलाज बीमारी

दो पल का चैन, उम्र भर की बेकरारी है।
किसी ने ठीक ही कहा है, मोहब्बत लाइलाज बिमारी है।।

Saturday, July 28, 2018

वफ़ा किजिये

फ़लक तक साथ चलने की न दुआ कीजिए,
ज़िंदा हूँ ज़मीं पर मैं, पहले यहाँ वफ़ा कीजिए. 

हर मजहब

झुका लेता हूँ अपना सर, हर मज़हब के आगे,
पता नहीं किस दुआ में तुझे, मेरा होना लिखा हो.

पिछला साल

पिछला साल बातों में बित गया
दुआ करो ये साल मुलाकातों में बीते.

यकीन और दुआ

यकीन और दुआ नज़र नहीँ आती मगर,
दिल को खुशनुमा जरूर बना देती है.

दवा दुआ

ऐसे माहौल मे दवा क्या है, दुआ क्या है,
जहाँ कातिल ही खूद पूछे की हुआ क्या है!

संभाल सकूँ

दुआ करो मैं कोई रास्ता निकाल सकूँ,
तुम्हे भी देख सकूँ, खुद को भी सम्भाल सकूँ!

फसल दुआ की

अगर आम बोने से आम मिलते हैं,
और नीम बोने से नीम,
आओ लगाकर देखें फसल दुआ की,
न कोई भूखा रहे, और न कोई यतीम!

नमी

बंजर नहीं हूं मैं, मुझमें बहुत सी नमी है,
दर्द बयां नही करता, बस इतनी सी कमी है!

हक से कहेंगे

"तुम" मेरे हो, ऐसी "हम", "जिद" नही करेंगे;
मगर हम "तुम्हारे" ही रहेंगे, ये तो "हम", "हक" से कहेंगे।

खुद से पराया

हर कोई अपना लगता था कभी हमको भी,
आज इतने अकेले हैं कि खुद से ही पराये हो गये।

लफ़्ज़ों की दगाबाज़ी

जो महसूस करते हैं बयाँ कर देते हैं,
हमसे लफ़्ज़ों की दगाबाज़ी नहीं होती!

पाया ही नहीं

डर ये भी है कि मैं उसे खो न दूँ,
सच ये भी है कि मैंने उसे पाया ही नहीं।

फकीर, नबाब

किस्मत के तराज़ू में तोलो तो फ़कीर हैं हम,
और दर्द-ए-दिल में हम सा नवाब कोई नहीं!

Friday, July 27, 2018

हम

ग़ज़लों का हुनर साकी को सिखायेंगे,
रोएंगे मगर आँसू नहीं आयेंगे;
कह देना समंदर से हम ओस के मोती हैं,
दरिया की तरह तुझसे मिलने नहीं आयेंगे​​।

वक़्त की यारी

वक्त की यारी तो हर कोई करता है मेरे दोस्त,
मजा तो तब है जब वक्त बदल जाये पर यार ना बदले!

जबाब खुद हो

जानते हो, फिर भी अंजान बनते हो,
इस तरहा हमें क्यों परेशान करते हो,
पूछते हो, हमें क्या पसंद है?
जवाब खुद हो, फिर भी सवाल करते हो!

किस्सा

तेरे होने का जिसमें किस्सा है,
वही मेरी जिंदगी का बेहतरीन हिस्सा है।

गाँव, शहर

शहर में रूख्सती महफूज़ है दहलीज तक,
गाँव में अब भी सड़क तक छोड़ने आते हैं लोग।

खुशीओं की बारिश

दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे ऐ दोस्त,
जब बरसी ख़ुशियाँ, न जाने भीड़ कहां से आ गयी!

अंधेरा, इश्क़ की गली

बहुत अंधेरा  है, ऐ इश्क़ तेरी गलियों में,
हमने दिल भी जलाया फिर भी रोशनी ना हुई!

Wednesday, July 25, 2018

अदब से

नीचे गिरे सूखे पत्तों पर,
अदब से चलना ज़रा।
कभी कड़ी धूप में,
तुमने इनसे पनाह माँगी थी।।

समझदारी

खुद की समझदारी ही अहमियत रखती है साहब,
वरना अर्जुन और दुर्योधन का गुरू तो एकही था।

मुकदमा

कैसे लड़ूँ मुक़दमा खुद से उसकी यादों का,
ये दिल भी वकील उसका, ये जान भी गवाह उसकी!

चेहरे पे नकाब

लहज़े में बदज़ुबानी, चेहरे पे नकाब लिए फिरते हैं।
जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े हैं, वो मेरा हिसाब लिए फिरते हैं।।

Tuesday, July 24, 2018

तुम

फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम;
प्यार का छलकता जाम हो तुम;
सीने में छुपाये फिरते हैं याद तुम्हारी;
ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम।

Sunday, July 22, 2018

अल्फाज़

राहों का ख़्याल है मुझे, मंज़िल का हिसाब नहीं रखता!
अल्फ़ाज़ दिल से निकलते है, मैं कोई किताब नहीं रखता!!

संगत का असर

झूठ कहते हैं कि संगत का असर होता है।
आज तक ना काँटों को महकने का सलीका आया,
और ना फूलों को चुभने का तरीका आया।।

आरजू लम्हें

आरज़ू होनी चाहिए, किसी को याद करने की।
लम्हें तो, अपने आप ही मिल जाते हैं।।

दिल की खूबी

किसी ने पूछा, दिल की खूबी क्या है!
हमने कहा,
हजारो ख्वाहिशों के नीचे दबकर भी धड़कता है।।

फर्क

इतना ही फर्क पड़ता है, बड़े होने के बाद,
पहले आती थी, अब लानी होती है चेहरे पर हँसी।

समझदार

जिस-जिस को मिली खबर, सबने एक ही सवाल किया,
तुमने क्यों की मोहब्बत, तुम तो समझदार थे।

मीरा सा

इश्क को समझने के लिए उसे मीरा सा होना पड़ेगा,
कभी अश्क छुपाने पड़ेंगे, कभी ज़हर पीना पड़ेगा।

तेरी कमी

भरने को तो हर ज़ख्म भर जाएगा लेकिन,
कैसे भरेगी वो " जगह " जहाँ " तेरी " कमी होगी!

ख़ुद की ही

खुद की समझदारी ही, अहमियत रखती है साहब,
वरना अर्जुन और दुर्योधन का गुरू तो एक ही था।

Saturday, July 21, 2018

अदाओं में

मोहब्बत सिर्फ लफ्जो से बयां नहीं होती,
अदाओ में भी कुछ राज छूपे होते है!

शायरी नहीं

शायरी नहीं,
यह लफज़ो में लिपटे मखमली अहसास हैं हमारे,
सिर्फ  उनके लिए जो बेहद खास हैं हमारे।

इतना शबाब

खुदा किसी हसीन को इतना शबाब भी न दे,
कि हम सलाम करें और वह जवाब भी न दे!

तेरी कमी

भरने को तो हर ज़ख्म भर जाएगा लेकिन,
कैसे भरेगी वो " जगह " जहाँ " तेरी " कमी होगी!

कभी फर्ज़ कभी अरमान

उम्र गुज़र रही है, तराज़ू के काँटे को संभालने में,
कभी फ़र्ज़ भारी होते हैं, तो कभी अरमान!

दुनिया की रस्म

महफ़िल में गले मिल के वो धीरे से कह गए,
ये दुनिया की रस्म है,इसे मोहब्बत न समझ लेना।

इश्क़ की अदा

शिकायत और दुआ में, जब एक ही शख़्स हो,
समझ लो, इश्क़ करने की अदा, आ गयी तुम्हें!

क्या हाल है

ये मालूम सबको है कि जिंदगी बेहाल है,
लोग फिर भी पूछते हैं, और सुनाओ क्या हाल है!

कत्ल का इरादा

मेरे कत्ल का इरादा हो, तो तीर से वार मत करना!
मेरे मरने के लिए काफी हैं, तेरा औरों से प्यार करना!!

नाम मोहब्बत

उसके दिल पर भी, क्या खूब गुज़री होगी।
जिसने इस दर्द का नाम, मोहब्बत रखा होगा।।

बिखर जाते हैं

खुद को समेट के, खुद में सिमट जाते हैं हम,
एक याद उसकी आती है, फिर से बिखर जाते है हम।।

Monday, July 16, 2018

किस लिए

मिली हैं रूहें तो, रस्मों की बंदिशें क्या हैं,
यह जिस्म तो हो जाना है ख़ाक फिर रंजिशें क्या हैं।
है छोटी सी ज़िन्दगी, तकरारें किस लिए,
रहो एक दूसरे के दिलों में ये दीवारें किस लिए।।

Monday, July 9, 2018

हवा, चिराग

हवाओं की भी अपनी अजब सियासतें हैं ऐ दोस्त,
कहीं बुझी राख भड़का दे, तो कहीं जलते चिराग बुझा दे।

Saturday, July 7, 2018

बातों का मौसम

ये दिसम्बर तो बातों का मौसम था,
दुआ करो कि जनवरी बांहोँ का मौसम हो!

हर एक दुआ में

हर एक दुआ में हम तो यही कहते हैं, 
वो सदा खुश रहें जो दिल में मेरे रहते हैं!

पौधा हरा

दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे,
उदासियों में भी चेहरा खिला खिला ही लगे!

जीने की दुआ


क्या पता उसको कि वो मुझ को सज़ा देता है,
वो तो मासूम है, जीने की दुआ देता है!

दुआ सलाम

इस दौर में दूर से ही दुआ सलाम का रिश्ता अच्छा है,
करीब आने पर अक्सर दूर हो जाते हैं लोग!

शर्म

मुद्दतें हो गयी हैं खता करते (हुए),
शर्म आती है अब तो दुआ करते (हुए)!

जलील

जलील न किया करो किसी फ़क़ीर को अपनी चौखट से साहब,
वो सिर्फ भीख लेने नहीं दुआ देने भी आते हैं!

दोस्त मेहरबाँ

परवाह नहीं अगर ये जमाना खफा रहे,
बस इतनी सी दुआ है, दोस्त मेहरबां रहे!

आमीन

साथ उसका हो यूंही ज़िन्दगी भर के लिए,
मेरी इस दुआ में सब "आमीन" बोल देना!

मेरे हक में

ना जाने कौन मेरे हक़ में दुआ करता है,
डूबता भी हूँ तो समंदर उछाल देता है!

दुआ रंग

दुआ का रंग नही होता मगर,
ये रंग ले आती है!

गुनाह दुआ

मुद्दते हो गयी, गुनाह करते करते,
शर्म आती है अब, दुआ करते हुए!

देखने की हसरत

सोने जा रहा हूँ तुझे ख्वाब में देखने कि हसरत ले कर,
दुआ करना कोई जगा ना दे मुजे तेरे दीदार से पहले!

अब कहाँ

अब कहां दुआओं में वो बरकतें, वो नसीहतें, वो हिदायतें,
अब तो बस जरूरतों के जुलुस हैं, मतलबों के सलाम हैं.

दुनिया की दुआ

मैं काम नहीं करता हूँ जिसमे खुदा मिले,
में बस वो करता हूँ जिसमे दुनिया की दुआ मिले!

दुआ कबूल

दुआ तो एक ही काफी है गर कबूल हो जाए,
हज़ारों दुआओं के बाद भी मंजर तबाह देखे हैं!

कश्ती सैलाब में

जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है,
माँ दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है!

तबियत

न जाने किसने पढ़ी है मेरे हक़ में दुआ,
आज तबियत में जरा आराम सा है.

Wednesday, July 4, 2018

गुस्सा आया भी तो

ज़िन्दगी काट दी हमने xxxx खुद्दार के साथ,
लफ़्ज इन्कार भी चलता रहा इकरार के साथ।
हम कभी उनकी खताओं पे खफ़ा हो न सके,
गुस्सा आया भी तो आया बड़े प्यार के साथ ।।

उम्र भर का

इस पहर जो भी मिला फ़िर वो उस पहर न मिला,
यानी जो शाम मिला था वो फ़िर सहर न मिला।
उम्र कहने को हम उम्रों में गुज़ारी लेकिन,
एक भी दोस्त उम्र भर का उम्र भर न मिला।।

मालूम होती है

जवानी चांदनी पर आई हुई मालूम होती है,
हवा भी आज अलसाई हुई मालूम होती है।
दबी भीनी, गुलाबी , रेशमी मुसकान होंठों में
किसी की आँख शरमाई हुई मालूम होती है।।

नशा है

तुम्हें न सीख मिली दर्द को मिटाने की,
मुझे न शक्ति मिली याद कर भुलाने की।
तुम्हें है रोग अगर तीर ही चलाने का,
मुझे नशा है चोट खाके मुस्कराने का ।।

जलने वाले

उठो भी कि अब दिन हैं बदलने वाले,
मंज़िल पै पहुँच जायेंगे चलने वाले।
दीपक के लिए हठ ऐ पतंगे! मत कर,
बे-आग भी जल जाते हैं जलने वाले।।

जिंदगी

रात आती है , रात जाती है,
बात आती है , बात जाती है।
मैं किसी भी क्षण नहीं जी पाता,
ज़िंदगी यूँ ही बीत जाती है ॥

लम्हा

एक जुदाई का लम्हा कि जो मरता ही नहीं,
लोग कहते थे कि सब वक़्त गुज़र जाते हैं ।

चलन

मैंने हर गम खुशी में ढाला है,
मेरा हर एक चलन निराला है।
लोग जिन हादसों से मरते हैं,
मुझ को उन हादसों ने पाला है ।।

मंजिल की लगन

प्रीत पाहुन के लिए मन का झरोखा खोलो,
शब्द असमर्थ हैं सब मौन की भाषा बोलो।
अपने विश्वास की जब तुमको परख करनी हो,
अपनी मंज़िल  की लगन जग की थकन से तोलो ।।

आवाज़ न हो

तान झनकार भरें धुन में कोई साज न हो,
गीत गा जाये अगर सांस को अंदाज न हो।
इस तरह शोर मचाते हुए आती है खुशी,
दर्द आ जाये दबे पाँव तो आवाज न हो ।।

ख़ुदा नाख़ुदा

कश्तियाँ सबकी किनारे पे  पहुँच जाती हैं,
नाखुदा जिनका नहीं उनका ख़ुदा होता है।

आवाज़ न हो

तान झनकार भरें धुन में कोई साज न हो,
गीत गा जाये अगर सांस को अंदाज न हो।
इस तरह शोर मचाते हुए आती है खुशी,
दर्द आ जाये दबे पाँव तो आवाज न हो ।।

शोखे नज़र को बिजलियाँ

शोखे नज़र को बिजलियाँ दिल पै मेरे गिराए जा,
मेरा न कुछ ख्याल कर तू यूँ ही मुस्कराए जा ।

जिंदगी

रात आती है , रात जाती है,
बात आती है , बात जाती है।
मैं किसी भी क्षण नहीं जी पाता,
ज़िंदगी यूँ ही बीत जाती है ॥

पतवार

एक टहनी एक दिन पतवार बनती है,
एक चिंगारी दाहक अंगार बनती है।
जो सदा रौंदी गई बेबसी समझकर,
एक दिन मिटटी वही मीनार बनती है ॥

ठोकरें

मुश्किलें दिल के इरादे आजमाती हैं,
खजा के परदे निगाहों से हटाती हैं।
हौसला मत हार गिर कर ओ मुसाफिर,
ठोकरें इंसान को चलना सिखाती हैं ॥

कुछ बात

तुम में कुछ बात है ऐसी जो किसी में भी नहीं
यूँ तो औरों से भी दिल हमने लगा रखा है ॥

रास्ते की मुश्किलें

मुझे रास्ते की मुश्किलें ऐसी पसंद आईं,
कि सौ-सौ बार जाकर फिर पलट आया हूँ मंज़िल से ॥