जख्म मरहम से भी अच्छा निकला,
कम से कम दर्द तो सच्चा निकला।तुम्हारी बेबसी का सबब मालूम है हमको,
एक उम्र बीती मगर दिल वही बच्चा निकला।
तेरी आवाज की खनक सुन के कलियां चटखें,
कच्ची बातों में भी किरदार वो सच्चा निकला।
कभी उसकी वफ़ा के हिसाब लगाने बैठो,
सिरहाने ख्वाब सुबह का भी सच्चा निकला।
हाशिया तो रहा हरदम तेरा मुरीद हमदम,
तेरा ईमान, तेरे इश्क़ से कच्चा निकला।
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