अन्दर झांको तो कितनी गमगीन है दुनिया
दिल में कोई उमंग नहीं चेहरे पे कोई रंग नहीं
फिर भी लोग कहते हैं कि रंगीन है दुनिया
किसी के दर्द से इसको कोई मतलब नहीं
हमें दुनिया की तलब नहीं तमाशबीन है दुनिया
कभी असली तो कभी नकली सूरत दिखाती है
कभी बेपर्दा तो कभी पर्दानशीन है दुनिया
'नामचीन' ये अपने-अपने नजरिये की बात है
नजरिया अच्छा है तो फिर बेहतरीन है दुनिया
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