Thursday, January 14, 2021

तेरे सामने आसमाँ और भी हैं

तू शाहीं है परवाज़ है काम तेरा 
तिरे सामने आसमाँ और भी हैं 
- अल्लामा इक़बाल

दोस्तों को भी मिले दर्द की दौलत या रब 
मेरा अपना ही भला हो मुझे मंज़ूर नहीं 
- हफ़ीज़ 

तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं 
किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं 
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

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