ख़ुश-नसीबी है कि गर्दिश में है तारा मेरा
- सुहैल अख़्तर
ठहर गया है सर-ए-मरकज़-ए-फ़लक सूरज
ये वक़्त वो है कि दीवार में भी साया नहीं
- फ़रासत रिज़वी
दिल को तजल्लियात का मरकज़ बना लिया
अब उन का नाम लेने के क़ाबिल हुआ हूँ मैं
- अब्दुल रहमान ख़ान वस्फ़ी बहराईची
ख़ामोश सही मरकज़ी किरदार तो हम थे
फिर कैसे भला तेरी कहानी से निकलते
- सलीम कौसर
अब मरकज़ी किरदार तुम्हारा है मिरे दोस्त
तुम मेरी कहानी को ज़रा ध्यान में रखना
- इसहाक़ विरदग
तुम जिसे मरकज़ी किरदार समझ बैठे हो
वो फ़साने में अगर था तो कहाँ था क्या था
- वसी शाह
यही जो शहर का है आज मरकज़
यहाँ सन्नाटे पैहम बोलते थे
- भारत भूषण पन्त
हर एक मेहवर हर एक मरकज़
अभी तक उस कज-कुलाह पर है
- मुमताज़ मालिक
मरने वाला है मरकज़ी किरदार
आख़िरी मोड़ पर कहानी है
- आलोक मिश्रा
सुब्ह मरकज़ बनी उमीदों का
शाम मायूसियों के काम आई
- शुजा ख़ावर
मिरा था मरकज़ी किरदार इस कहानी में
बड़े सलीक़े से बे-माजरा किया गया हूँ
- इरफ़ान सत्तार
मैं चल पड़ूँगा सितारों की रौशनी ले कर
किसी वजूद के मरकज़ को दरमियान लिए
- रफ़ीक़ संदेलवी
एक मरकज़ पर ठहरता ही नहीं है
ज़ेहन की आवारगी चारों तरफ़ है
- मासूम अंसारी
ज़ाहिर है हक़ का जल्वा गर आँख हो तो देखे
'मरकज़' ख़ुदा को आलम भूले पुकारते हैं
- यासीन अली ख़ाँ मरकज़
अपने मरकज़ पे रक़्स करती हुई
इक मुसलसल सफ़र है ये दुनिया
- नाज़िम नक़वी
पहले भी तिरी बात ही मरकज़ थी सुख़न का
अब याद तिरी सर्फ़-ए-सुख़न होने लगी है
- हुसैन ताज रिज़वी
अपने मरकज़ की महक चारों तरफ़ बिखराई है
फड़फड़ा कर भी तिरे संदल से मैं निकला नहीं
- अफ़ज़ाल नवेद
मैं जैसे मरकज़ी किरदार हूँ कहानी का
कोई फ़साना हो वो मेरी दास्ताँ ही लगे
- जे. पी. सईद
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