Thursday, April 2, 2020

जो मुक्कमल नहीं हमें उनकी तलाश है!

मेरी मोहब्बत के, चंद अधूरे एहसास है, 
जो मुक्कमल नहीं हमें उनकी तलाश है! 

आसमाँ की महफ़िल में सोए रात भर, 
फिर भी चांद से मिलने को बेकरार है! 

No comments: