Friday, April 24, 2020

कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं

अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें 
कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं 
- जाँ निसार अख़्तर

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी 
सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी 
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

दर्द-ए-दिल कितना पसंद आया उसे 
मैं ने जब की आह उस ने वाह की 
- आसी ग़ाज़ीपुरी

ज़ख़्म कहते हैं दिल का गहना है 
दर्द दिल का लिबास होता है 
- गुलज़ार
ये दिल का दर्द तो उम्रों का रोग है प्यारे 
सो जाए भी तो पहर दो पहर को जाता है 
- अहमद फ़राज़

जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए 
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया 
- नासिर काज़मी
हाल तुम सुन लो मिरा देख लो सूरत मेरी 
दर्द वो चीज़ नहीं है कि दिखाए कोई 
- जलील मानिकपूरी

भीगी मिट्टी की महक प्यास बढ़ा देती है 
दर्द बरसात की बूँदों में बसा करता है 
- मरग़ूब अली
वक़्त हर ज़ख़्म का मरहम तो नहीं बन सकता 
दर्द कुछ होते हैं ता-उम्र रुलाने वाले 
- सदा अम्बालवी

दर्द को रहने भी दे दिल में दवा हो जाएगी 
मौत आएगी तो ऐ हमदम शिफ़ा हो जाएगी 
- हकीम मोहम्मद अजमल ख़ाँ शैदा

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