आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
प्यार का हक़ है जमाने में सब को लेकिन, प्यार का सिला कहाँ सब को मिलता है! ये क्या कम है कि हम कुछ दिन खुश तो रहे, ये मुकद्दर भी भला कहाँ सब को मिलता है!!
#ashpri
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