Sunday, May 12, 2019

काबिल कहाँ

मुझे शायर मत कहना दोस्त
मैं इन लफ़्जों के कबील कंहा
मैं तो बस रोते हुए लिखत हूँ
जिन आँसूओ के वो कबील कंहा...

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