आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
कैसे बनेगा अमीर वो हिसाब का कच्चा भिखारी...।। एक सिक्के के बदले जो बेशकीमती दुआये दे देता है...।।
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