चाँद से प्यारी चादनी,
चादनी से प्यारी रात,
रात से प्यारी ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी से प्यारे आप।
चाँद तारो की कसम खाता हूँ,
मैं बहारों की कसम खाता हूँ,
कोई आप जैसा नज़र नहीं आया,
मैं नजारों की कसम खाता हूँ..
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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