रात भर मैं तुझे बस सोचता रहूँ
बात जो दिल में छुपी ना किसी से कहूँ
मैने देखी है हर पल राह बस तेरी
राह हर राही से तेरी पूछता रहूँ ।
नींद आती नहीं अब रात भर मुझे
चेहरा तेरा कहे बस प्यार कर मुझे
छूना चाहूँ मैं जब भी तू दूर हो जाए
हाथ दोनों मेरे मजबूर हो जाएं
ऐसा पागल हुआ हूँ मैं प्यार में तेरे
उठ- उठ कर तुझे बस खोजता रहूँ
रात भर मैं तुझे बस सोचता रहूँ ।
याद मेरी तुझे जब भी आ जाएगी
बदलियां पलकों पर तेरी भी छा जाएंगी
तू पुकारेगा जब भी याद करके मुझे
मैं मिलूंगा खड़ा उसी राह पर तुझे
हम मिले थे जहाँ पहली मुलाकात में
मैं वहीं हूँ खड़ा तन्हा बरसात में
तू आए ना जब तक दिलबर मेरे
आंसुओं को मेरे बस पोंछता रहूँ
रात भर मैं तुझे बस सोचता यहाँ ।
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