Monday, July 15, 2019

सुलग रहा है

सुलग रहा है दिल धीरे धीरे,
क्यों तेज़ हवा चला रहे हो!
सोचो ज़रा दिल की लगी को,
बुझा रहे हो के जला रहे हो!

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