आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में ज्यादा भीगना मत, अगर धुल गई सारी गलतफ़हमियाँ तो बहुत याद आएंगे हम!
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