प्यार का हक़ है जमाने में सब को लेकिन,
प्यार का सिला कहाँ सब को मिलता है!
ये क्या कम है कि हम कुछ दिन खुश तो रहे,
ये मुकद्दर भी भला कहाँ सब को मिलता है!!
#ashpri
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
प्यार का हक़ है जमाने में सब को लेकिन,
प्यार का सिला कहाँ सब को मिलता है!
ये क्या कम है कि हम कुछ दिन खुश तो रहे,
ये मुकद्दर भी भला कहाँ सब को मिलता है!!
#ashpri
नादानियाँ ही सही 'ए दोस्त'
अपनी कुछ कहानियाँ तो है......
नाक़ामियाँ ही सही लेकिन,
अपनी कुछ निशानियाँ तो हैं......
ए मेरी बददुआ नही, बल्कि तेरी सज़ा है जाना,
तू उसे मिलेगी, जिसका इरादा नही होगा, तुझ को पाना!
तुम्हारी नफरत भी न कम कर सकेगी,
मेरी मोहब्बत को,
तुम्हारी बगावत भी न खत्म कर सकेगी,
मेरी उलफत को,
तुम से इश्क करना मेरी आदत,
तुम्हारी हिदायत भी न बदल सकेगी,
मेरी फितरत!
मोहब्बत ने कई आशिकों को बर्बाद किया है,
पिलाकर जाम बेवफाई का मयखानों को बदनाम किया है!
kashtiyan sab ki kinare pe pahunch jati hain
nakhuda jin ka nahin un ka khuda hota hai
उनकी आशिकी में हम कुछ इतना मशरुफ़ रहे
के उसके दिल मे पनपता फ़रेब हमें दिख ना सका...
कोशिश थी के बयां करे किस्सा-ए-बेवफ़ाई पर
कलम इश्क के सिवा कुछ लिख ना सका...
इस अधुरी जवानी का क्या फ़ायदा
बिन कथानक कहानी का क्या फ़ायदा
जिसमे धुलकर नजर भी न पावन बने
आंख में ऐसे पानी का क्या फ़ायदा....
कभी वो लम्हा भी आएगा,
कभी वो शाम भी आएगी!
जब शायरी तेरे इंतजार में नहीं,
तुझे पाने की खुशी में की जाएगी!
इतनी मीठी सी जफ़ा ना कीजिए हमसेगर नहीं है मुहब्बत तो वफ़ा ना कीजिए हमसे
टूट जाएँगे गर मुड़े आधे रास्ते
एक ही तो जिंदगी है उसे खफ़ा ना कीजिए हमसे!
जमाने भर की रहमत माँग ली मैंने दुआओं में,
दिलों में आरजू है कि एक तू महके फिजाओं में!
तेरी कश्ती की धारा मोड़ के उस ओर कर दी है,
जहाँ जाए खुश रहना खुशी झोली में भर दी है!!
*बात चली चाँद से सुन्दर कौन है,*
*हम गलती से गुलाब बता बैठे,*
*झूंझलाये वो इस कदर,*
*झटके से नकाब उठा बैठे*
मुझे शायर मत कहना दोस्त
मैं इन लफ़्जों के कबील कंहा
मैं तो बस रोते हुए लिखत हूँ
जिन आँसूओ के वो कबील कंहा...
चलो फिर से शुरुवात करते है
आज फिर से मुलाकात करते है
फिर से एक दूसरे से बात करते है
एक जवाब में फिरसे पूरी रात करते है
फिर से गलती एक साथ करते है
चलो फिर से शुरूवात करते है...
सादगी भरा शख़्स हूँ 'रियाज़' जज़्बातों से लबरेज़
तू दिल ही ले जा मेरा मुझे नज़राना देना नहीं आता
Happy B'Day Bade Bhai @thejollysharma
तू ना आया ओ वफ़ा दुश्मन तो क्या हम मर गये,
चंद दिन तड़पा किये आख़िर करार आ ही गया!
जी में था ऐ हश्र उससे अब ना बोलेंगे कभी,
बेवफा जब भी सामने आया तो प्यार आ ही गया।