बहुत हुआ यूँ लफ़्ज़ों में ये इश्क़,
चलो इश्क़ लबों से बयां करते है!
नैना थे कहां आपके इतने शराबी पहले,
चेहरा था कहां आपका इतना किताबी पहले!
आइना तो ज़रा देखिए लबों को चूमने के बाद,
क्या होंठ थे आपके इतने गुलाबी पहले!!
💋
उन्होंने रुखसार पे अपने लबों के निशान छोड़ दिये,
हमने माँगी थी, मोहब्बत की निशानी उनसे!
Unhoney Rukhsar Pey Apney Labon k Nishaan Chor Diye, Humney Mangi Thi Muhabbat Ki Nishani Unsey.
उन के होंठो को देखा तब एक बात उठी ज़हन में,
वो लफ्ज़ कितने नशीले होंगे जो इनसे हो कर गुज़रते है।।
मैने कहा तीखी मिरची हो तूम,
वो होंठ चूम कर बोली और अब?
सिर्फ एक बार चूमा था, मेहबूब के होठों को,
लोगो ने बस्ती से निकाल दिया, शराब पीने के इल्ज़ाम में।
उसके होठों को चूमा तो ये एहसास हुआ, कि सिर्फ़ पानी ही ज़रुरी नहीं प्यास बुझाने के लिए।
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