नज़र से नज़र को मिलायें,भी तो कैसे,
तुम ही कहो कि तुम्हें भूल जायें तो कैसे ।
तेरे इश्क में डूबने का क्या मजा है,न पूछो,
सोचते हैं तुम्हें अपना बनायें, तो कैसे!
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आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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