आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
ये लकीरें, ये नसीब, ये किस्मत, सब फरेब के आईनें हैं! हाथों में तेरा हाथ होने से ही, मुकम्मल जिंदगी के मायने हैं!
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