तेरी मोहब्बत भी किराये की घर की तरह हो गया,
जितना भी हमने सजाया पर वो अपना न हो पाया।
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छुपाने लगा हु कुछ राज अपने आप से,
जबसे मोहब्बत हुई है हमे आप से।
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वो वक़्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे,
दुनिया में हम खुश नसीब होंगे,
टूर से जब इतना याद करते है आपको,
क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे।
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पत्थर के दिल में भी जगह बना लेंगे,
आप जितना भी रूठो हम मना लेंगे।
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दीवानगी में हम कुछ कुछ ऐसा कर
मोहब्बत की सारी हदें पार कर जायेगे।
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ये बादल भी खुशियो के बारिश ले आते है,
जब ये मोहब्बत हमे आपके करीब ले आते है।
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