Tuesday, April 29, 2025

इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए

 मस्त नज़रों से देख लेना था अगर

तमन्ना थी आज़माने की,

हम तो बेहोश यूँ ही हो जाते क्या

ज़रूरत थी मुस्कुराने की..

*

मुझे अब तुम से डर लगने लगा है

तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या

-जौन एलिया

*

ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझ को

ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं

-ख़ुमार बाराबंकवी

*

इश्क़ है तो इश्क़ का

इज़हार होना चाहिए

आप को चेहरे से भी

बीमार होना चाहिए

--मुनव्वर राना

*

जबाँं खामोश मगर नज़रों में उजाला देखा

उस का इंज़हार-ए-मोहब्बत भी निराला देखा



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