Wednesday, June 7, 2023

जागो प्यारे - हरिऔध की बाल कविता

जागो प्यारे


उठो लाल अब आंखे खोलोपानी लाई हूं मुंह धो लो

बीती रात कमल दल फूलेउनके ऊपर भंवरे डोले

चिड़िया चहक उठी पेड़ परबहने लगी हवा अति सुंदर

नभ में न्यारी लाली छाईधरती ने प्यारी छवि पाई

भोर हुआ सूरज उग आयाजल में पड़ी सुनहरी छाया

ऐसा सुंदर समय न खोओमेरे प्यारे अब मत सोओ

-अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

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