हमारे कन्धे पर सर रख कर कोई खुद को महफूज समझे।
बस किसी के लिए वही जनाब बनना चाहते हैं।
ऐ ज़िन्दगी हम भी किसी के खास बनना चाहते हैं।
जब तन्हाई परेशानी और इस दुनिया की भीड़ से कोई ऊब जाए ।
ऐसे में किसी के लिये शकुन की बरसात बनना चाहते हैं ।
ऐ ज़िन्दगी हम भी किसी के खास बनना चाहते हैं।
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