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उठ-उठ कर रातों में मुझे याद किया तो होगा ।
तेरा दिल धड़कता था मेरे दिल के साथ
अब तेरा दिल भी तुझसे रुठा तो होगा।
यूँ तो कोई किसी के बिना मरता नहीं है
लेकिन कुछ दिन तू भी मर-मर के जिया तो होगा।
जो तुमने तोड़ दिया तो करूँ क्या इसका गिला
टुटे दिल को जोड़ के फिर से जीना तो होगा।
सुना है कि मासूम दिल खुदा का घर होता है
फिर तो खुदा भी तुझसे नाराज हुआ तो होगा ।
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