Sunday, December 5, 2021

अब ख़ुशी है न कोई दर्द रुलाने वाला


अब ख़ुशी है न कोई दर्द रुलाने वाला 
हम ने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला 

एक बे-चेहरा सी उम्मीद है चेहरा चेहरा 
जिस तरफ़ देखिए आने को है आने वाला 

उस को रुख़्सत तो किया था मुझे मा'लूम न था 
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला 

दूर के चाँद को ढूँडो न किसी आँचल में 
ये उजाला नहीं आँगन में समाने वाला 

इक मुसाफ़िर के सफ़र जैसी है सब की दुनिया 
कोई जल्दी में कोई देर से जाने वाला

Nida Fazli 

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