Thursday, December 2, 2021

 


तुम्हें ग़म की क़सम इस दिल की वीरानी मुझे दे दो  

ये माना मैं किसी क़ाबिल नहीं हूँ इन निगाहों में  
बुरा क्या है अगर ये दुख ये हैरानी मुझे दे दो  

मैं देखूँ तो सही दुनिया तुम्हें कैसे सताती है  
कोई दिन के लिए अपनी निगहबानी मुझे दे दो  

वो दिल जो मैं ने माँगा था मगर ग़ैरों ने पाया है  
बड़ी शय है अगर उस की पशेमानी मुझे दे दो 

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