Monday, March 29, 2021

रंग / होली शायरी

रंग चेहरे का ज़ाफ़रानी है
आशिक़ी की यही निशानी है
- अज्ञात

हवा में नश्शा ही नश्शा फ़ज़ा में रंग ही रंग
ये किस ने पैरहन अपना उछाल रक्खा है
- अहमद फ़राज़ 

वो रंग रंग के छींटे पड़े कि उस के बाद
कभी न फिर नए कपड़े पहन के निकला मैं
- अनवर शऊर

रंग बातें करें और बातों से ख़ुश्बू आए
दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए
- ज़िया जालंधरी

अंग अंग से रंग रंग के फूल बरसते देखे कौन
रंग रंग से शोले बरसे कैसे बरसे सोचे कौन
- अहमद ज़फ़र


मुख़्तलिफ़ हैं मिरी बहार के रंग
कुछ मिरे अपने कुछ उधार के रंग
- नीना सहर

कौन सा रंग इख़्तियार करें?
ख़ुद को चाहें कि तुझ से प्यार करें?
- शबनम रूमानी

रंग ख़ुशियों के कल बदलते ही
ग़म ने थामा मुझे फिसलते ही
- अनीता मौर्या अनुश्री

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